Rajmahal Ki Kahani

 राजमहल की भूतिया कहानी


यह कहानी एक पुराने और खौ़फनाक राजमहल की है, जो एक छोटे से गाँव के पास स्थित था। गाँववाले कहते थे कि यह महल शापित था और वहाँ रात के समय अजीब-अजीब आवाजें आती थीं। बहुत से लोग जिन्होंने राजमहल के आसपास जाने की कोशिश की, वे कभी लौटकर नहीं आए।


किसी समय में यह महल एक समृद्ध और शानदार महल हुआ करता था, जहाँ राजा और रानी रहते थे। लेकिन एक रात, राजमहल में एक भयानक घटना घटी। राजा और रानी को धोखे से उनके ही महल के अंधेरे कोने में मार दिया गया। लोग कहते हैं कि यह काम महल के किचन में काम करने वाली एक महिला ने किया था, जो शाही परिवार से बदला लेने के लिए भूतिया शक्तियों से जुड़ गई थी।


उस घटना के बाद से महल में अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं। रात को महल के हर कोने से चुपके-चुपके हंसी और चीखें सुनाई देती थीं। कुछ लोग कहते थे कि रात के अंधेरे में महल के झरोखे से एक कटी हुई आकृति दिखाई देती थी, जो कभी राजा की, कभी रानी की, तो कभी किसी अन्य व्यक्ति की होती थी।


कई सालों तक यह खौ़फनाक महल वीरान पड़ा रहा, लेकिन एक दिन एक साहसी युवक, जिसका नाम अर्जुन था, गाँव में आया। अर्जुन को पुराने महल के बारे में बहुत कहानियाँ सुनने को मिलीं और उसने ठान लिया कि वह महल में रात बिताकर सत्य का पता लगाएगा।


रात के समय अर्जुन महल में घुसा और जैसे ही वह महल के भीतर पहुँचा, एक अजीब सी ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। अचानक, महल के भीतर से खौ़फनाक चीखें और पियानो की आवाज सुनाई दी। अर्जुन ने डरते हुए उस दिशा में बढ़ना शुरू किया। जैसे ही वह महल के अंदर के कमरे में पहुँचा, उसने देखा कि एक पुराना पियानो अपने आप बज रहा था और कमरे में एक आकृति खड़ी थी। वह आकृति रानी की लग रही थी, जिसका चेहरा बुरी तरह से विकृत था और उसकी आँखों से खून की धारें बह रही थीं।


अर्जुन डर के बावजूद, उस आकृति के पास पहुँचने की कोशिश करता है। जैसे ही वह पास जाता है, आकृति चुपके से गायब हो जाती है। अर्जुन ने समझा कि यह महल सच में शापित है और यहाँ की आत्माएँ अभी भी अपनी बदला लेने के लिए यहाँ मौजूद हैं।


अर्जुन ने अपने जीवन को जोखिम में डालते हुए, महल की गहराई में प्रवेश किया। जैसे ही वह महल के सबसे गहरे कक्ष में पहुँचा, उसने देखा कि वहाँ एक पुराना दरवाजा था। दरवाजा खोलते ही एक बर्फ जैसी ठंडी हवा उसे अंदर खींच लेती है। अगले ही पल, वह अंदर देखता है और पाता है कि वह खुद को राजा और रानी की आत्माओं के बीच में खड़ा पाता है। उन्होंने अर्जुन से कहा, "यह महल शापित है, हमारा बदला अभी पूरा नहीं हुआ है।"


अर्जुन ने हिम्मत दिखाते हुए महल से बाहर निकलने का प्रयास किया। लेकिन जैसे ही वह बाहर आकर महल से दूर जाने की कोशिश करता है, उसे यह अहसास हुआ कि महल अब उसे नहीं छोड़ सकता। वह फिर से महल के अंदर खींच लिया गया।


गाँववाले आज भी कहते हैं कि जो भी महल में रात बिताने की कोशिश करता है, वह हमेशा के लिए वहीं रह जाता है। अर्जुन का क्या हुआ, यह कोई नहीं जानता, लेकिन आज भी राजमहल खड़ा है और उसकी खौ़फनाक सच्चाई को कोई नहीं जान पाता।


राजमहल के आसपास की हवाएँ अब भी खौ़फ और रह

स्य से भरी रहती हैं।

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